Goumans Bhar ke Samose Bechne ka Bhandafod अधिकारियों ने मांसाहारी समोसे में विशेषज्ञता रखने वाले एक प्रसिद्ध विक्रेता के परिसर पर छापा मारा, जिसके परिणामस्वरूप गोमांस युक्त समोसा बेचने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने दोनों समोसे और इन्हें बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल जब्त कर लिया है। संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वडोदरा पुलिस को शहर के पानीगेट इलाके में स्थित हुसैनी समोसा सेंटर में गाय के मांस के इस्तेमाल की सूचना मिली थी।
इस गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए, कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने हुसैनी समोसा सेंटर की सुविधा पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान पुलिस को 300 किलो से ज्यादा मांस मिला। बाद में जब्त किए गए मांस को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया, जिसमें पुष्टि हुई कि यह गोमांस था।
Goumans Bhar ke Samose Bechne ka Bhandafod
पुलिस के मुताबिक प्रतिबंधित मांस वाले समोसे वडोदरा भेजे गए थे। जिस बड़े कारोबारी का प्रतिष्ठान वर्षों से यही काम कर रहा है, वहां छापेमारी की गयी। पुलिस ने जब छापेमारी की तो एक समोसा बेचने वाले के यहां बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित मांस बरामद हुआ। इस मामले में पुलिस ने समोसा सेंटर के मालिक यूसुफ और नईम शेख को चार कारीगरों के साथ हिरासत में लिया था।
सात आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
वडोदरा के डीसीपी पन्ना मोमाया के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उन्हें यह मांस भालेज के इमरान नाम के शख्स ने मुहैया कराया था। इसके चलते पुलिस ने इमरान कुरेशी के ठिकाने पर छापा मारा और उसे भी पकड़ लिया। इस मामले में अब तक सात आरोपी पक्षों को हिरासत में लिया जा चुका है। जांच शुरू कर दी गई है और इन सभी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
पुलिस ने क्या कहा?
इसे लेकर पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, शहर में कुछ उपभोक्ता इस गलतफहमी में बीफ समोसे खरीद रहे थे कि ये मीट समोसे हैं। पूरे घटनाक्रम के संबंध में डीसीपी पन्ना मोमाया ने बताया कि आरोपी बड़ी संख्या में कच्चे समोसे बनाकर इन प्रतिष्ठानों पर बेचते थे। जहां दुकान के मालिक ग्राहकों को बेचने से पहले समोसे को तेल में तलते थे। डीएसपी ने कहा कि कंपनी एक ही समय में पांच मंजिला इमारत में बिना लाइसेंस के काम कर रही थी।
कैसे हुआ भंडाफोड़?
पुलिस इस बात की जांच कर रही थी कि यह बीफ समोसा कारोबार कितने समय से चल रहा था। आरोपी यूसुफ शेख ने पुलिस पूछताछ में बताया कि यह काम पहले उसके पिता करते थे और अब हम इस काम को अंजाम दे रहे हैं। आरोपी ने आगे कहा, ‘हम समोसे में मांस की जगह गाय और भैंस का मांस भरते थे क्योंकि उनका मांस बहुत सस्ता होता है और उसके बहुत फायदे होते हैं।’ पूरी घटना के बारे में जानने के बाद, एक पशु कार्यकर्ता नेहा पटेल ने पुलिस को सूचित किया, जिसने उचित कार्रवाई की।
फायदे की वजह से भरते थे गौ मांस
आरोपी यूसुफ शेख से पुलिस ने पूछताछ की। आरोपी ने बताया कि उसके पिता ने उसे काम दिया था। ये काम कभी उनके पिता ने किया था। आरोपी ने यहां तक कहा कि समोसे में मांस होता है। चूंकि गाय और भैंस का मांस कम महंगा था, इसलिए हमने इसका इस्तेमाल किया। ये हमारे लिए ज्यादा फायदेमंद है। पशु कार्यकर्ता नेहा पटेल की शिकायत के जवाब में पुलिस ने यह कार्रवाई की।